राजनीतिक संवाददाता द्वारा
रांची : मनरेगा घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate-ED) ने बड़ी कार्रवाई की है. ईडी की टीम ने झारखंड में कार्यरत एक महिला IAS अधिकारी के आवास समेत कुल 18 ठिकानों पर छापे मारे हैं. ईडी की इस कार्रवाई से सनसनी फैल गई है. मनरेगा से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क के लोगों में इसको लेकर खलबली मच गई है. काफी समय से इसकी शिकायतें मिल रही थीं. मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका के बाद मामले के बारे में गोपनीय जानकारी जुटाई गई. इसके बाद ईडी की टीम ने एक साथ कुल 18 ठिकानों पर छापे मारे हैं. झारखंड में पोस्टेड एक महिला आईएएस अधिकारी के आवास पर छापे से खलबली मच गई है.
जानकारी के अनुसार, केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने मनरेगा से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में झारखंड में कार्यरत आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के आवास सहित कई अन्य लोकेशन पर छापेमारी की है. ईडी मुख्यालय के सूत्रों के मुताबिक, ईडी की टीम इसी मामले में कई राज्यों में एक साथ छापेमारी शुरू की है. ईडी की टीम झारखंड, बिहार, ओडिशा, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और पश्चिम बंगाल के करीब 18 लोकेशन पर छापेमारी की है. सर्च ऑपरेशन के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कई सफेदपोश अधिकारी और नेताओं के खिलाफ मिले इनपुट को खंगाला जा रहा है. ईडी ने रांची, खूंटी (झारखंड), जयपुर (राजस्थान), गुरुग्राम, फरीदाबाद (हरियाणा), चंडीगढ़, मुजफ्फरपुर (बिहार), कोलकाता आदि जगहों पर छापे मारे हैं.
ईडी के वरिष्ठ सूत्र के मुताबिक, यह मामला झारखंड में कार्यरत रहे पूर्व JE राम विनोद सिन्हा से जुड़ा हुआ है. उनके खिलाफ झारखंड स्थित एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक मामला साल 2012 में भी दर्ज किया था. उसी मामले में यह इनपुट सामने आया था कि जब आरोपी राम विनोद सिन्हा जूनियर इंजीनियर थे तब से उनका कनेक्शन कई ऐसे लोगों से था जो मनरेगा से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े थे. इसके बाद इस मामले में कई हाईप्रोफाइल नाम सामने आए थे. पता चला था कि अवैध खनन के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की जा रही है.
उस समय सामने आया था कि कई आईएएस अधिकारियों और नेताओं के जेई राम विनोद सिन्हा से अच्छे संबंध थे. जानकारी सामने आने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने कार्रवाई की है.
इसी वजह से ईडी की टीम ने कुल 18 लोकेशन पर छापेमारी की है. झारखंड की आईएएस पूजा सिंघल के बारे में यह भी बताया जाता है कि जब कुछ वर्षों पहले वह खूंटी में DC के पद पर कार्यरत थीं तब से उनका इस मामले के मुख्य आरोपी राम विनोद सिन्हा से गहरे ताल्लुक थे. इस मामले की तह तक जाने के लिए ईडी ने सर्च ऑपरेशन चलाया है.